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Shreemad Bhagwad Geeta

श्रीमद् भगवद्गीता

Hindi

 

Brahmarshi Pitamaha Patriji

 

इस "श्रीमद् भगवद्गीता" में हमें नित्य जीवन में किस प्रकार का ज्ञान आवश्यक है ? उस ज्ञान की प्राप्ति के लिए हमें किस प्रकार की साधना करनी चाहिए ? निमित्तमात्र रहते हुए कर्मबन्धनों में न उलझकर कर्तव्य-कर्माचरण कैसे हो ? धर्म क्या है ? सत्य क्या है ? सत्य में जीना है तो किस प्रकार के कर्म करना चाहिए ? किस प्रकार के ज्ञान का समुपार्जन करना चाहिए ?... इत्यादि अनेकानेक मौलिक विषयों के सम्बन्ध में भगवद्गीता के विविध अध्यायों में बताए गए अनेक श्लोकों से एक या दो श्लोक लेकर विस्तार से ब्रह्मर्षि पितामह पत्रीजी ने अत्यंत सरल शब्दों में इस ज्ञान को हमें बताया है जिससे उनका मुख्य उद्देश्य हर मानव को ध्यान की समझ देते हुए हमें श्रीकृष्ण ज्ञान को सखोल रूप से मिलाना है ।

Shreemad Bhagwad Geeta (श्रीमद् भगवद्गीता)

SKU: B08P23N9L8
₹449.00Price
    • 5.5in by 8.5in
    • Third Edition
    • 238 pages
    • ISBN 978-93-92842-86-3
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