"आत्मज्ञान" एक गहन और सूक्ष्म यात्रा है, जिसे ब्रह्मर्षि पत्री जी ने इस पुस्तक में विभिन्न पहलुओं को उजागर करते हुए प्रस्तुत किया है। यह पुस्तक आत्मा की गहराइयों में जाकर उसके असली स्वरूप को जानने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है।
यह पुस्तक आत्मा के ज्ञान, विज्ञान, और प्रज्ञान के विभिन्न स्तरों पर प्रकाश डालती है, और बताती है कि कैसे ध्यान और आत्म-साक्षात्कार के माध्यम से एक साधक अपनी आत्मा की पहचान कर सकता है। ब्रह्मर्षि पत्री जी ने आत्मज्ञान की प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाया है, जो पाठकों को आत्मा की वास्तविकता को समझने और उसे अनुभव करने के लिए प्रेरित करती है।
"आत्मज्ञान" हर उस व्यक्ति के लिए है जो जीवन के गहरे रहस्यों को समझना चाहता है और आत्म-साक्षात्कार की दिशा में आगे बढ़ना चाहता है। यह पुस्तक न केवल आध्यात्मिक साधना की महिमा को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे सही मार्गदर्शन और नियमित अभ्यास के माध्यम से आत्मज्ञान की उच्चतम अवस्था प्राप्त की जा सकती है।
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